घनश्याम तिवाड़ी की घर वापसी,भाजपा में लौटे तिवाड़ी Rajasthan Ghanshyam Tiwari Rejoins BJP

 


घनश्याम तिवाड़ी कि घर वापसी भाजपा में लौटे तिवाड़ी 

राजस्थान में वसुंधरा के विरोधी रहे घनश्याम तिवाड़ी की फिर भाजपा में एंट्री, पिछले चुनाव में जमानत तक नहीं बचा सके तिवारी की घर वापसी को कुछ कार्यकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के लिए बड़ा झटका मान रहे हैं, क्योंकि  घनश्याम तिवारी वसुंधरा राजे के धुर विरोधी माने जाते हैं| पूर्व मुख्यमंत्री राजे से  वैचारिक मतभेद  एवं  राजनीतिक संघर्ष के चलते भाजपा से अलग होकर नई राजनीतिक पार्टी ( भारत वाहिनी पार्टी) का गठन कर दिया था| जयपुर में भाजपा कार्यालय में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने घनश्याम तिवाड़ी को पार्टी की सदस्यता दिलाई।



राजस्थान की वसुंधरा सरकार में मंत्री रहे घनश्याम तिवाड़ी रविवार को फिर भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा कार्यालय में दोपहर 12 बजे प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। तिवाड़ी को वसुंधरा राजे का धुर विरोधी माना जाता है। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले वे भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

वसुंधरा राजे से विरोध के चलते तिवाड़ी ने भाजपा छोड़कर भारत वाहिनी पार्टी बनाई थी। इसी पार्टी से उन्होंने 2018 में सांगानेर विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था। लेकिन, वे अपनी जमानत तक नहीं बचा सके थे। 19 दिसंबर को उनका जन्मदिन है। ऐसे में भाजपा में वापसी को उनके लिए एक गिफ्ट के तौर पर देखा जा रहा है।


भाजपा में शामिल होते ही बदले सुर

भाजपा में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत में तिवाड़ी ने कहा, 'मैंने कभी भी कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण ही नहीं की। मेरे मन में हमेशा से भाजपा ही रही है। मैं शुरू से ही संघ से जुड़ा रहा हूं।' वहीं, वसुंधरा के विरोध से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि उस समय जो भी मुद्दे थे वह सेटल हो चुके हैं। तिवाड़ी ने यह भी कहा कि उनका अभी चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है। वे पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं।

राहुल गांधी के सामने कांग्रेस ज्वाइन की थी

लोकसभा चुनाव से पहले मार्च 2019 में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने जयपुर में एक रोड शो किया था। उसी दिन जयपुर के रामलीला मैदान में आयोजित जनसभा में तिवाड़ी ने कांग्रेस ज्वाइन की थी। उनके साथ दो और कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र गोयल और जनार्दन गहलोत भी कांग्रेस से जुड़ गए थे।

घनश्याम तिवाड़ी का राजनीतिक सफर

तिवाड़ी भाजपा के दिग्गज नेताओं में शामिल रहे हैं। उन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर काम किया है। वह 6 बार चुनाव जीतकर राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे हैं। तिवाड़ी 1980 में पहली बार सीकर से विधायक बने। इसके बाद वे 1985 से 1989 तक सीकर से ही विधायक रहे। 1993 से 1998 तक चौमूं से विधायक बने। जुलाई 1998 से नवंबर 1998 तक भैरोंसिंह शेखावत सरकार में ऊर्जा मंत्री भी रहे। दिसम्बर 2003 से 2007 तक वसुंधरा राजे सरकार में शिक्षा मंत्री रहे।

परिस्थितियां ऐसी आ गई थीं जिसके कारण नई पार्टी बनानी पड़ी : तिवाड़ी

तिवाड़ी ने कहा कि मैं भाजपा के साथ जुड़ा हूं, लेकिन कुछ परिस्थितियां ऐसी आ गई थी जिसके कारण पार्टी बनानी पड़ी। मैंने कांग्रेस की कभी भी प्राथमिक सदस्यता नहीं ली। केवल उनके मंच पर गया। कांग्रेस पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में कोई हिस्सा नहीं लिया, चाहे वह सीएए के विरोध में रहा हाे। जिन सिद्धांतों के लिए लड़ा, वो बीजेपी ने पूरे किए है। चाहे उसमें राम मंदिर हो या धारा 370। यह सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पूरे किए हैं।

ऐसे में उनके मन में छटपटाहट थी और वे बाहर नहीं रह सकते थे। मैं जिन मुद्दों को लेकर पार्टी से बाहर चला गया था, अब वह मुद्दे खत्म हो चुके हैं। अब एक तरह से स्लेट बिल्कुल साफ है, इस पर हम सब मिलकर नई इबारत लिखेंगे। तिवाड़ी ने प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि बीजेपी ने मेरे खेद प्रकट करने के बाद मुझे पार्टी में शामिल करने का निर्णय लिया।

बीजेपी काे सरकार गिराने की जरूरत नहीं, खुद अपने कर्मों से गिरेगी : सतीश पूनियां

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि राज्य में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे हो रहे हैं, लेकिन राजस्थान की राजनीति में ऐसी निकृष्ट और अकर्मण्य सरकार कभी नहीं देखी गई। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब पंचायती राज चुनाव में विपक्षी दल को जनादेश मिला। लेकिन जनादेश को स्वीकार करने की बजाय मुख्यमंत्री उसका अपमान कर रहे हैं।

सीएम के भाजपा पर पंचायत चुनाव परिणाम को गलत तरीके से पेश करने के आरोप लगाने पर पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री आंकड़ों में लोगों को उलझा रहे हैं। उन्हाेंने कहा कि प्रियंका गांधी और राहुल गांधी सोशल मीडिया की राजनीति करते हैं या फिर वह पार्ट टाइम राजनीति में है। भाजपा को यहां सरकार गिराने की जरूरत ही नहीं है, ये सरकार खुद अपने कर्मों से गिर जाएगी।

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