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Who is George Soros? Who is being termed as anti India

Who is George Soros? The Life and Legacy of a Philanthropic Billionaire George Soros is a name that is known worldwide. He is a Hungarian-born American billionaire, philanthropist, and investor. He is considered one of the most successful investors of all time, and he is known for his support of progressive causes and his philanthropic work. Early Life and Career George Soros was born on August 12, 1930, in Budapest, Hungary. He survived the Nazi occupation of Hungary during World War II and later fled to England in 1947. In London, he attended the London School of Economics, where he studied philosophy under Karl Popper. It was during this time that Soros became interested in the concept of the open society, which would later become a central tenet of his philanthropic work. After graduating, Soros began his career in finance, working for a merchant bank in London. He later moved to New York City, where he worked for several Wall Street firms. In 1969, Soros founded his own hedge fund...

16 साल के सचिन जब पहली बार लाहौर पहुंचे

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Sachin Tendulkar    सचिन तेंदुलकर एक ऐसा नाम है जो भारत और दुनिया भर में क्रिकेट का पर्याय है। उन्हें सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में से एक माना जाता है और उन्होंने अपने शानदार करियर में कई यादगार पारियां खेली हैं। ऐसा ही एक यादगार लम्हा था जब वह पहली बार क्रिकेट दौरे पर लाहौर गए थे। यह वर्ष 1989 था, और सचिन सिर्फ 16 साल के थे जब वह पाकिस्तान के अपने पहले क्रिकेट दौरे के लिए लाहौर पहुंचे। भारतीय टीम का गर्मजोशी और आतिथ्य के साथ स्वागत किया गया और सचिन पहली बार पाकिस्तान में खेलने के लिए उत्साहित थे। पाकिस्तान में सचिन का पहला मैच पाकिस्तान की नेशनल बैंक क्रिकेट टीम के खिलाफ अभ्यास मैच था। उनके दौरे की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पहली पारी में शून्य पर आउट हो गए। हालांकि, उन्होंने दूसरी पारी में इसकी भरपाई कर दी और केवल 38 गेंदों पर 35 रन की तेजतर्रार पारी खेली। वार्म-अप खेल में उनका प्रदर्शन इस बात का संकेत था कि बाकी दौरे में क्या आने वाला है। दौरे के पहले टेस्ट मैच में सचिन ने अपनी क्लास दिखाई और शानदार शतक जड़ा. उन्होंने बड़े संतुलन और आत्मविश्वास के साथ बल्लेबाजी की और अपने पहल...

🍁🍁बाल गणेश 🍁🍁 प्रेरक कहानी Motivational Story In Hindi

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महानगर के उस अंतिम बसस्टॉप पर जैसे ही कंडक्टर ने बस रोक दरवाज़ा खोला, नीचे खड़े एक देहाती बुज़ुुर्ग ने चढ़ने के लिए हाथ बढ़ाया। एक ही हाथ से सहारा ले डगमगाते क़दमों से वे बस में चढ़े, क्योंकि दूसरे हाथ में थी भगवान गणेश की एक अत्यंत मनोहर बालमूर्ति थी। गांव जाने वाली उस आख़िरी बस में पांच-छह सवारों के चढ़ने के बाद पैर रखने की जगह भी जगह नहीं थी। बस चलने पर हाथ की मूर्ति को संभाल, उन्हें संतुलन बनाने की असफल कोशिश करते देख जब कंडक्टर ने अपनी सीट ख़ाली करते हुए कहा कि दद्दा आप यहां बैठ जाइए, तो वे उस मूर्ति को पेट से सटा आराम से उस सीट पर बैठ गए। कुछ ही मिनटों में बाल गणेश की वह प्यारी-सी मूर्ति सब के कौतूहल और आकर्षण का केन्द्र बन गई। अनायास कुछ जोड़ी हाथ श्रद्धा से उस ओर जुड़ गए। कंडक्टर पीछे के सवारों से पैसे लेता दद्दा के सामने आ खड़ा हुआ और पूछा, ‘कहां जाओगे दद्दा’ तो जवाब देते हुए मूर्ति को थोड़ा इधर-उधर कर उन्होंने धोती की अंटी से पैसे निकालने की असफल कोशिश की। उन्हें परेशान होता देखकर कंडक्टर ने कहा, ‘अभी रहने दीजिए। उतरते वक़्त दे दीजिएगा।’ और एक बार फिर दद्दा गणपति की मूर्ति को पेट से स...

सहायता प्रेरक कहानी Motivational Story In Hindi

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अपने मकान का नवीनीकरण करने के लिये, एक जापानी अपने मकान की दीवारों को तोड़ रहा था। जापान में लकड़ी की दीवारों के बीच ख़ाली जगह होती हैं, यानी दीवारें अंदर से पोली होती हैं। जब वह लकड़ी की दीवारों को चीर-तोड़ रहा था, तभी उसने देखा कि दीवार के अंदर की तरफ लकड़ी पर एक छिपकली, बाहर से उसके पैर पर ठुकी कील के कारण, एक ही जगह पर जमी पड़ी है। जब उसने यह दृश्य देखा तो उसे बहुत दया आई पर साथ ही वह जिज्ञासु भी हो गया। जब उसने आगे जाँच की तो पाया कि वह कील तो उसके मकान बनते समय पाँच साल पहले ठोंका गई थी! एक छिपकली इस स्थिति में पाँच साल तक जीवित थी! दीवार के अँधेरे पार्टीशन के बीच, बिना हिले-डुले? यह अविश्वसनीय, असंभव और चौंका देने वाला था! उसकी समझ से यह परे था कि एक छिपकली, जिसका एक पैर, एक ही स्थान पर पिछले पाँच साल से कील के कारण चिपका हुआ था और जो अपनी जगह से एक इंच भी न हिली थी, वह कैसे जीवित रह सकती है? अब उसने यह देखने के लिये कि वह छिपकली अब तक क्या करती रही है और कैसे अपने भोजन की जरुरत को पूरा करती रही है, अपना काम रोक दिया। थोड़ी ही देर बाद, पता नहीं कहाँ से, एक दूसरी छिपकली प्रकट हुई...

भूत रूपी मन! प्रेरक कहानी Motivational Story In Hindi

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  एक तांत्रिक ने एक बार एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया ।संयोगवश उसकी मुलाकात एक सेठ से हुई,सेठ ने उससे पूछा - भाई यह क्या है, उसने जवाब दिया कि यह एक भूत है। इसमें अपार बल है, कितना भी कठिन कार्य क्यों न हो यह एक पल में निपटा देता है। यह कई वर्षों का काम मिनटों में कर सकता है ,सेठ भूत की प्रशंसा सुन कर ललचा गया और उसकी कीमत पूछी, उस आदमी ने कहा कीमत बस पाँच सौ रुपए है। कीमत सुन कर सेठ ने हैरानी से पूछा- बस पाँच सौ रुपए! उस आदमी ने कहा - सेठ जी जहाँ इसके असंख्य गुण हैं वहाँ एक दोष भी है। अगर इसे काम न मिले तो मालिक को खाने दौड़ता है। सेठ ने विचार किया कि मेरे तो सैकड़ों व्यवसाय हैं, विलायत तक कारोबार है, यह भूत मर जायेगा पर काम खत्म न होगा। यह सोच कर उसने भूत खरीद लिया, मगर भूत तो भूत ही था ,  उसने अपना मुंह फैलाया और बोला - काम  काम  काम  काम.......!! सेठ भी तैयार ही था, उसने भूत को तुरन्त दस काम बता दिये , पर भूत उसकी सोच से कहीं अधिक तेज था इधर मुँह से काम निकलता उधर पूरा होता , अब सेठ घबरा गया। संयोग से एक सन्त वहाँ आये। सेठ ने विनयपूर्वक उन्हें भूत की...

जीवन को कैसे जीयें ? माइकल जैक्सन का जीवन!

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माइकल जैक्सन 150 साल जीना चाहता था! किसी सेे साथ हाथ मिलाने से पहले दस्ताने पहनता था! लोगों के बीच में जाने से पहले मुंह पर मास्क लगाता था !  अपनी देख-रेख करने के लिए उसने अपने घर पर 12 डॉक्टर्स नियुक्त किए हुए थे !जो उसके सर के बाल से लेकर पांव के नाखून तक की जांच प्रतिदिन किया करते थे!  उसका खाना लैबोरेट्री में चेक होने के बाद उसे खिलाया जाता था! स्वयं को व्यायाम करवाने के लिए उसने 15 लोगों को रखा हुआ था!  माइकल जैकसन अश्वेत था,उसने 1987 में प्लास्टिक सर्जरी करवाकर अपनी त्वचा को गोरा बनवा लिया था! अपने काले मां-बाप और काले दोस्तों को भी छोड़ दिया, गोरा होने के बाद उसने गोरे मां-बाप को किराए पर लिया! और अपने दोस्त भी गोरे बनाए शादी भी गोरी औरतों के साथ की! नवम्बर 15 को माइकल ने अपनी नर्स डेबी रो से विवाह किया, जिसने प्रिंस माइकल जैक्सन जूनियर (1997) तथा पेरिस माइकल केथरीन (3 अपैल 1998) को जन्म दिया।  वो डेढ़ सौ साल तक जीने के लक्ष्य को लेकर चल रहा था! हमेशा ऑक्सीजन वाले बेड पर सोता था, उसने अपने लिए अंगदान करने वाले डोनर भी तैयार कर रखे थे! जिन्हें वह खर्चा देता था,...

जैसी करनी वैसी भरनी प्रेरक कहानी Motivational Story In Hindi

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  पुराने समय में एक राजा था। वह अक्सर अपने दरबारियों और मंत्रियों की परीक्षा लेता रहता था। एक दिन राजा ने अपने तीन मंत्रियों को दरबार में बुलाया और तीनो को आदेश दिया कि एक एक थैला लेकर बगीचे में जायें और वहाँ से अच्छे अच्छे फल तोड़ कर लायें। तीनो मंत्री एक एक थैला लेकर अलग अलग बाग़ में गए। बाग़ में जाकर एक मंत्री ने सोचा कि राजा के लिए अच्छे अच्छे फल तोड़ कर ले जाता हूँ ताकि राजा को पसंद आये। उसने चुन चुन कर अच्छे अच्छे फलों को अपने थैले में भर लिया। दूसरे मंत्री ने सोचा “कि राजा को कौनसा फल खाने है?” वो तो फलों को देखेगा भी नहीं। ऐसा सोचकर उसने अच्छे बुरे जो भी फल थे, जल्दी जल्दी इकठ्ठा करके अपना थैला भर लिया। तीसरे मंत्री ने सोचा कि समय क्यों बर्बाद किया जाये, राजा तो मेरा भरा हुआ थैला ही देखेगे। ऐसा सोचकर उसने घास फूस से अपने थैले को भर लिया। अपना अपना थैला लेकर तीनो मंत्री राजा के पास लौटे। राजा ने बिना देखे ही अपने सैनिकों को उन तीनो मंत्रियों को एक महीने के लिए जेल में बंद करने का आदेश दे दिया और कहा कि इन्हे खाने के लिए कुछ नहीं दिया जाये। ये अपने फल खाकर ही अपना गुजारा करेंगे.....